चिरायता
- Amit Gupta
- Mar 22, 2023
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चिरायता
चिरायता का पेड़ गोल मोटा और अनेक शाखाओ वाला होता है । इस पर बैगनी ,पीले, हरे के मिश्रित फूल आते है। यह गर्म प्रदेश की पहाडियों मे अधिक होता है ।
चिरायता रूक्ष शीतल कडवा तथा ज्वर, कफ, कुष्ट व कृमि आदि नाशक है।
चिरायता, पितपापडा व हरड तीनो 10—10 ग्राम लेकररात को पानी मे ग्राम लेकररात को पानी मे गोकर पीसकर छानकर सुबह -शाम लेने पर खुजली दूर होती है ।
चिरायता ,पुष्करमूल , पीपल ,कटेरी और नीम की छाल ,सोंठ ,गिलोय, शतावर 5-5ग्राम लेकर काढा बनाकर ठंडा होने पर सुबह शाम 15 मिली. तीन -चार बार ले, कफ व ज्वर मे आराम मिलेगा ।
चिरायता ,नागरमोथा ,गिलोय ,इन्द्रजौ ,सौठ ,नीम की छाल ,अतीस सब बराबर मात्रा मे मिलाकर क्वाथ बनाकर 10 ग्राम की मात्रा पीने से कब्ज दूर होता है ।
5 ग्राम चिरायता 20 मिली.पानी मे मिलाकर चोड दे ,सुबह उसको मलकर इसमे 2 रती कर्पूर् ,2 रती शिलाजित ,6 माशा शहद मिलाकर 7 दिन तक लें। इससे ज्वर में जो थकान होती है उससे ज्वर मे आराम मिलता है ।

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