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कुटकी

  • Writer: Amit Gupta
    Amit Gupta
  • Oct 19, 2023
  • 1 min read

कुटकी

कुटकी का पौधा हिमालय क्षेत्र मे पाया जाता है ।इसकी जड का उपयोग होता है ।

ये रस मे कडवी , शीतल ,हल्की ,अग्निदीपक , मल बेधक , रक्त विकार , कुष्ट रोगो व कृमि नाशक है ।

कुटकी तथा हरड को समान मात्रा मे सेवन करने से हल्के दस्त लगते है और ,पेट साफ होता है ।

सोंठ , खस , नागरमोथा व कुटकी का चूर्ण 6 माशा गर्म जल से लेने पर ज्वर शांत होता है।

2 ग्राम कुटकी व 3 ग्राम मुलेहटी पीसकर मिश्री के साथ लेने पर दुर्बलता दूर होकर हृदय गति सामान्य होती है।

कपड़छान करके कुटकी प्रातःनूली के साथ खाने से बबासीर मे खाने से फायदा होता है।

कुटकी का चूर्ण सुबह -शाम ताजे जल से लेने पर लिवर की समस्या ठीक होती है ।


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