आपके बच्चों का आयुर्वेदिक सुरक्षा कवच - सुवर्णप्राशन
- Amit Gupta
- Mar 29, 2023
- 2 min read
आपके बच्चों का आयुर्वेदिक सुरक्षा कवच - सुवर्णप्राशन
नवजात शिशुओ को बीमारियों से बचाने के लिए कई सारे टीकाकरण करवाने पडते हैं।
हर माँ चाहती है कि उसका बच्चा स्वस्थ व तंदुरस्त रहे, इसलिए उसके टीकाकरण
पर ध्यान दिया जाताहै।
बच्चो को स्वस्थ रखने के लिए सुवर्णप्राशन भी एक तरह का टीकाकरण है। इससे
बच्चो पर सकारात्मक प्रभाव पडता है। यह सबसे महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक मौखिक
टीकाकरण मे से एक है, जिसे हर बच्चे को दिया जाना चाहिए।
यह टीकाकरण सबसे बेहतर होता है। इसके किसी तरह के दुष्प्रभाव नही हैं।
यह जन्म से 16 साल तक के बच्चो को दिया जा सकता है।
सुवर्णप्राशन का वर्णन काश्यप संहिता के सूत्रस्थान के लेह अध्याय में वर्णन है।
सुवर्णप्राशन वह प्रक्रिया है जिसमे सुवर्ण भस्म (सोने की शुद्ध राख) को जडी
बुटियों के अर्क से तैयार घी और तरल या सेमी सालिड रूप मे शहद के साथ
मिलाकर दिया जाता है।
सुवर्णप्राशन वेदो में वर्णित मंत्रों का जप करते हुए पुष्य नक्षत्र में—एक शुभ दिन जो
27 दिनो के बाद आता है पर देना चाहिए, पुष्य का अर्थ है पोषण अर्थात पुष्टि देने वाला ।
1 यह एक ऐसा वैदिक प्रोग्राम है जो बच्चो के शारीरिक एंव मानसिक विकास में मदद करता है।
2 बच्चो की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है, बार-बार बीमार पडने से रोकता है। बच्चो में शारीरिक
शक्ति का निर्माण और गतिविधियों को बढाता है।
3 यह पाचन में सुधार करता है तथा पेट से सम्बन्धित शिकायतो को दूर करता है।
4 सुवर्णप्राशन की नियमित खुराक बच्चो को 6 महीने तक देने से बच्चे की बुद्धि
, समझने की शक्ति, कुशाग्रता व स्मरण शक्ति को अनोखे तरीके से सुधारती है।
5 यह बच्चो को विभिन्न एलर्जी से भी बचाता है। बच्चो की भूख मे भी सुधार करता है।
6 यह बच्चों की आयु व बल को बढाता है, बच्चे की ग्रह बाधा को दूर करता है।
7 यह बच्चो मे अंतर्निहित मजबुत रक्षातंत्र को विकसित करता है। बीमारियों व शिकायतो के
खिलाफ सुरक्षा कवच के रूप मे कार्य करता है।
अगर आप चाहते है कि आपका बच्चा स्वस्थ रहे तो उसे सुवर्णप्राशन जरूर करवायें।

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